सिद्धगुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप करने से मनुष्य की वृत्तियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे मंत्र का नियमित जाप करने से राजसिक व तामसिक वृत्तियाँ शांत होती हैं और सात्विक वृत्ति बढ़ती है। सात्विक वृत्ति के बढ़ने से मनुष्य की सोच एवं उसके कार्य सकारात्मक एवं शुद्ध होने लगते हैं। इसका यह प्रभाव होता है कि मनुष्य के शारीरिक व मानसिक खुशहाली के लिए जो भी नकारात्मक वृत्ति है, वह उसे अपने आप छोड़ कर चली जाती है।
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